लता के जाने के दर्द को बयां करते हुए गुलजार बोले- वह अपने आप में करिश्मा थी, उन्हें शब्दों में बांधा नहीं जा सकता, वह आवाज नहीं हमारी संस्कृति थीं
Monday, Feb 07, 2022-11:01 AM (IST)

मुंबई. स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 6 फरवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर सुन सभी की आंखें नम हो गईं। फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। सभी देशवासी उनके ठीक होने की दुआ कर रहे थे, लेकिन दुआएं लग नहीं लाईं। लता हम सबको छोड़कर चल बसी। मशहूर गीतकार गुलजार ने लता के साथ कई गानों में काम किया था। गुलजार ने एक इंटरव्यू में लता के जाने का दर्द बयां किया है।
गुलजार ने कहा- 'लता जी अपने आप में एक करिश्मा हैं और ये करिश्मा हमेशा नहीं होता। आज ये करिश्मा मुकम्मल हो गया। वह चली गईं। वह एक जादुई गायिका थीं, जिनकी करिश्माई आवाज थी। उनके लिए विशेषण ढूंढना भी मुश्किल है। हम उनके बारे में कितनी भी बातें क्यों न कर लें, कम है। आप उन्हें शब्दों में नहीं बांध सकते। वह शब्दों की दुनिया से परे हैं। वह आवाज नहीं हमारी संस्कृति थीं'
गुलजार ने आगे कहा- 'हमने एक फिल्म के लिए गाना लिखा था। मुझे याद है कि मैंने उनसे कहा था कि जब आप ऑटोग्राफ देती हैं तो आप इसका (गाने की लाइनें) इस्तेमाल कर सकती हैं...मेरी आवाज ही पहचान है और ये है पहचान'। मेरा मतलब यह नहीं सोचना था कि यह उनकी पहचान बन जाएगी। लेकिन यह उनकी पहचान बन गई और वह भी इससे पहचानी जातीं।'
इसके अलावा गुलजार ने कहा- 'मुझे याद है कि उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि 'आज के गाने इतने अच्छे नहीं हैं' और कहा, 'कुछ अच्छी फिल्में बनाएं जिनमें अच्छे म्यूजिक और गानों की गुंजाइश हो।' बता दें गुलजार खुद को खुश किस्मत समझते थे कि उन्हें लता के साथ काम करने का मौका मिला। दोनों ने एक-साथ 'खामोशी', 'किनारा', 'लेकिन', 'रुदाली', 'मासूम', 'लिबास', 'दिल से...', 'सत्या' और 'हू तू तू' जैसी कई फिल्मों में गाने दिए।