हर तरफ मची थी चीख-पुकार.. फिर देवदूत बने ये भारतीय, जान पर खेलकर पवन कल्याण के बेटे समेत 21 को बचाया, हुआ सम्मान
Thursday, Apr 17, 2025-12:15 PM (IST)

मुंबई:एक्टर और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के छोटे बेटे मार्क शंकर सिंगापुर में लगी भीषण आग में घायल हो गए थे। मार्क शंकर के अलावा आग में फंसे बच्चों और लोगों को 18 भारतीयों ने देवदूत बनकर बचाया।
भारतीय श्रमिकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बच्चों को सुरक्षित आग से बाहर निकाला। वहीं अब सिंगापुर सरकार के सिंगापुर नागरिक सुरक्षा बल (एससीडीएफ) ने सभी भारतीयों को सामुदायिक जीवनरक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है।
आठ अप्रैल की सुबह भारतीयों ने पास की इमारत से बच्चों की चीखें सुनीं और धुआं निकलते देखा तो वे तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने अपने निर्माण स्थल से मचान और सीढ़ी उठाई और सामने की इमारत में फंसे बच्चों को बचाने पहुंच गए। यह शॉपहाउस बच्चों के लिए कुकिंग कैंप चलाता है।
एससीडीएफ अग्निशमन दल के पहुंचने से पहले 18 लोगों ने छह से 10 वर्ष की आयु के बच्चों और 23 से 55 वर्ष की आयु के छह वयस्कों को बचाया और उनकी देखभाल की। आग से बचाई गई 10 साल की ऑस्ट्रेलियाई लड़की की बाद में एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
एससीडीएफ डिवीजन के कमांडर कर्नल ताई जी वेई ने कहा कि सभी आग की घटनाओं के लिए समय महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम वास्तव में जनता के सदस्यों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उस दिन एससीडीएफ के आने से पहले ही प्रतिक्रिया दी। उनकी बहादुरी, उनकी त्वरित कार्रवाई और उनके सामूहिक कार्य ने वास्तव में उस दिन लोगों की जान बचाई।
बच्चों को बचाने वालों में चिन्नाप्पा कन्नदासन, हसन इमामुल, शकील मोहम्मद, दास तपोश, हसन राजीब, रवि कुमार, वरुवेल क्रिस्टोफर, गोविंदराज एलंगेश्वरन, मुथुकुमार मुगेश, इंद्रजीत सिंह, सिवासामी विजयराज, नागराजन अनबरसन, सुब्रमण्यम सरनराज, इस्लाम शफीकुल, सुब्रमण्यम रमेशकुमार, बेन्सन लो, शेख अमीरुद्दीन बिन कमालुद्दीन और डॉ. लौरा बिफिन के नाम शामिल हैं।