''स्कूल हम जैसे पैरेंट्स पर रहम क्यों नहीं करता'' फीस ना भरने पर बेटी के ऑनलाइन क्लास से निकाले जाने पर छलका जावेद हैदर का दर्द
Wednesday, Jul 28, 2021-08:47 AM (IST)
मुंबई कोरोना वायरस महामारी के चलते सभी की जिंदगी पर असर पड़ा है। हर किसी को शारीरिक तंगी के साथ-साथ आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कोरोना काल में लगे लाॅकडाउन से कई लोग बेरोजगार हो गए तो कुछ लोगों ने मानसिक तनाव की वजह से सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठाया। बी-टाउन इंडस्ट्री में भी कोरोना वायरस का गहरा असर देखने को मिला। काम की कमी के चलते कईयों को पैसों से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। कई स्टार्स ऐसे हैं जिन्होंने सामने आकर इस बात को स्वीकार किया कि लॉकडाउन के चलते उनके पास काम नहीं है और वो बेरोजगार हो गए हैं। इस लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है और वो नाम है एक्टर जावेद हैदर।
फीस ना भरने पर बेटी के ऑनलाइन क्लास से निकाला
जावेद हैदर एक कैरेक्टर आर्टिस्ट हैं जिन्होने बचपन से ही फिल्मों में काम किया। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से आज वो इस कदर आर्थिक तंगी से जूंझ रहे हैं कि बेटी को पढ़ाने तक के उनके पास पैसे नहीं बचे हैं। एक न्यूज पोर्टल से बातचीत करते हुए जावेद हैदर ने कहा-'मेरी एक बेटी है, जो क्लास 8 में पढ़ती है। एक बाप होने के नाते मेरी कोशिश है कि मैं उसे उसे बेहतर तालीम दिला सकूं। पहले जब तक काम चल रहा था तब कोई दिक्कत नहीं आई। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हालात खराब होते जा रहे हैं। मेरी बेटी की ऑनलाइन क्लास चल रही है। उसकी तीन महीने की फीस तो माफ की गई थी, लेकिन फिर हमें हर महीने लगभग 2500 रुपए भरने होते थे। ऐसे में मैं स्कूल गया और वहां एडमिनिस्ट्रेशन से बात की,तो उन्होंने यह कहा कि तीन महीने तो माफ किए थे।'
स्कूल हम जैसे पैरेंट्स पर रहम क्यों नहीं करती
मुश्किल समय के बारे में बात करते हुए जावेद ने कहा-'मुझे समझ नहीं आता है कि स्कूल हम जैसे पैरेंट्स पर रहम क्यों नहीं करती है। लॉकडाउन होने की वजह से पिछले दो साल से बेटी की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है। मैं वक्त में फीस भी जमा करता रहा। पिछले कुछ महीनों से फीस जमा नहीं कर पाया। ऐसे में उन्होंने मेरी बेटी को ऑनलाइन क्लास से निकाल दिया। जब मैंने कहीं से पैसे जमा किये तब उसे क्लास में बैठाया गया था। '
जावेद ने ये भी कहा-'कई बार लोगों ने और मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैं उनसे मदद मांग लूं। लेकिन थोड़ा बहुत नाम कमाया है इसलिए बोलने में भी शर्म आती है क्योंकि काम नहीं है तो कहीं जुबान खराब हो जाए। पैसा ऐसी चीज होती है कि कभी आपने मांगा और सामने वाले ने आपको इग्नोर करना शुरू कर दिया, तो मुसीबत हो जाती है। इसलिए बीवी के गहने रखकर और अपने फिल्म जगत से अलग लोगों से मदद लेकर अपना घर चलाना पड़ता है।'
जावेद हैदर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1973 में आई फिल्म 'यादों की बारात' से की थी। इसके अलावा वो वांटेड, राधे, दबंग 3 जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।