नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक ओनिर को मिला गे बॉम्बे आइकन अवॉर्ड

Tuesday, Sep 23, 2025-01:16 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ओनिर, जिन्हें भारतीय सिनेमा की सबसे साहसी और नए रास्ते दिखाने वाली आवाज़ों में से एक माना जाता है, को भारत के प्रमुख LGBTQ+ संगठनों में से एक, गे बॉम्बे द्वारा प्रतिष्ठित गे बॉम्बे आइकन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

1998 में स्थापित गे बॉम्बे लंबे समय से LGBTQ+ अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। यह संगठन वर्कशॉप, फ़िल्म स्क्रीनिंग, जागरूकता अभियानों और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय के लिए सुरक्षित जगह बनाने का काम करता रहा है। गे बॉम्बे आइकन अवॉर्ड उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने समाज में क्वियर प्रतिनिधित्व और अधिकारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

ओनिर, भारत के पहले खुले तौर पर क्वियर फ़िल्ममेकर, ने मुख्यधारा के भारतीय सिनेमा में LGBTQ कहानियों को सामने लाने में बड़ी भूमिका निभाई है। अपनी फ़िल्मों, एक्टिविज़्म और वकालत के माध्यम से उन्होंने लंबे समय से हाशिये पर रखी गई कहानियों और पहचानों को दृश्यता दी, रूढ़ियों को तोड़ा और उद्योग के भीतर और बाहर समावेशिता को बढ़ावा दिया। उनके काम को उसकी सच्चाई, संवेदनशीलता और साहस के लिए विश्व स्तर पर सराहा गया है।

सम्मान पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए ओनिर ने कहा, “गे बॉम्बे, जो भारत की क्वियर यात्रा का अहम हिस्सा रहा है, से यह सम्मान पाना बेहद भावुक और विनम्र करने वाला है। जब मैंने फ़िल्ममेकर के रूप में शुरुआत की थी, तो अक्सर खुद को अकेला महसूस करता था। मैं ऐसी कहानियाँ लेकर चल रहा था, जिन्हें बहुत से लोग सुनना नहीं चाहते थे, और मुझे अपने सच्चे रूप में रहने के लिए कई बार विरोध का सामना करना पड़ा।

इन वर्षों में, समुदाय, हमारी एकजुटता और अनगिनत क्वियर व्यक्तियों का साहस ही मुझे आगे बढ़ने की ताक़त देता रहा। यह अवॉर्ड सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है, जो ऐसे समाज का सपना देखते हैं जहाँ हमारी कहानियों को दबाया न जाए, हमारी पहचान पर सवाल न उठाए जाएँ, और जहाँ प्यार और गरिमा पर कोई समझौता न हो। मुंबई में, इस शहर में जिसने मुझे घर और आवाज़ दोनों दी यह सम्मान पाना इसे और भी खास बना देता है।”


Content Editor

Jyotsna Rawat

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