दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होंगे सुपरस्टार मोहनलाल, PM मोदी ने दी बधाई, कहा- उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को..
Sunday, Sep 21, 2025-11:05 AM (IST)

मुंबई. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर मोहनलाल ने हमेशा अपने कामों और अदाकारी से लोगों का दिल जीता है। वहीं, अब एक्टर को सिनेमा में योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया जाएगा। यह भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है और उन्हें यह अवॉर्ड 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 23 सितंबर 2025 को प्रदान किया जाएगा।
सरकार ने की घोषणा
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी पुष्टि करते हुए लिखा, "मोहनलाल की सिनेमाई यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्हें एक्टर, निर्देशक और निर्माता के रूप में भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जा रहा है।"
Actor Mohanlal to be conferred with the prestigious Dadasaheb Phalke Award 2023
— ANI (@ANI) September 20, 2025
The award will be presented at the 71st National Film Awards ceremony on Sept 23, 2025. pic.twitter.com/5NVWEOpdAx
पीएम मोदी की बधाई
इस अचीवमेंट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहनलाल को शुभकामनाएं देते हुए लिखा, "मोहनलाल बहुमुखी प्रतिभा का प्रतीक हैं। मलयालम सिनेमा और रंगमंच में दशकों से उनका योगदान अद्वितीय है। केरल की संस्कृति के प्रति उनका जुनून और तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय ने उन्हें भारतीय सिनेमा का स्तंभ बना दिया है। उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।"
Shri Mohanlal Ji epitomises excellence and versatility. With a rich body of work spanning decades, he stands as a leading light of Malayalam cinema, theatre and is deeply passionate about the culture of Kerala. He has also delivered remarkable performances in Telugu, Tamil,… https://t.co/4MWI1oFJsJ pic.twitter.com/P0DkKg1FWL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2025
400 से ज्यादा फिल्मों का सफर
बता दें, 1960 में जन्मे मोहनलाल का करियर चार दशक से भी अधिक लंबा रहा है। उन्होंने अब तक 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है। मुख्य रूप से मलयालम सिनेमा में सक्रिय रहने के बावजूद उन्होंने तमिल, हिंदी, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने 18 साल की उम्र में थिरनोत्तम (1978) से अभिनय की शुरुआत की थी, हालांकि यह फिल्म 25 साल तक रिलीज नहीं हो सकी। उनका वास्तविक डेब्यू मंजिल विरिंजा पुक्कल (1980) से हुआ, जिसमें उन्होंने एक नेगेटिव किरदार निभाया था। इसके बाद एक्टर ने इंडस्ट्री को एक से बढ़ एक हिट फिल्में दीं।
पद्म सम्मान और नेशनल अवॉर्ड
मोहनलाल को 2001 में पद्म श्री और 2019 में पद्म भूषण से नवाजा गया। वह अब तक 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं।