हाॅस्पिटल में भर्ती Saira Banu: हाथों ड्रिप..अस्पताल के बेड पर लेट वेडिंग एनिवर्सरी पर Dilip Kumar को याद कर भावुक हुईं
Friday, Oct 11, 2024-05:48 PM (IST)
मुंबई: दिवंगत एक्टर दिलीप कुमार की पत्नी और दिग्गज एक्ट्रेस सायरा बानो को लेकर हाल ही में एक खबर सामने आई है। खबर हैं कि सायरा बानो हाॅस्पिटल में एडमिट हैं। उनकी तबीयत बिगड़ गई है। एक्ट्रेस की आज वेडिंग एनिवर्सरी है और आज उन्होंने अपनी अस्पताल के बिस्तर से एक तस्वीर शेयर कर दी है। सायरा बानो ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें एक्ट्रेस ने अपने दिलीप साहब के साथ तस्वीरें शेयर की हैं। इसी में एक तस्वीर उनकी अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए हैं जिसे देखकर फैंस की सायरा बानो को लेकर चिंता बढ़ गई है।
सायरा बानो ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए न सिर्फ अपने स्वास्थ्य का बल्कि अपने दिल का भी हाल सुनाया है। एक्ट्रेस ने लिखा-'58 साल पहले मेरी सपनों की शादी की एक पुरानी याद अस्पताल के बिस्तर पर। दो सितारों की जमीन पर है मिलन आज की रात, पूरी रात 11 अक्टूबर को रेडियो पर बजता रहा, हमारी वेडिंग एनिवर्सरी… एक ऐसा दिन जो मैं चाहती हूं कभी खत्म ही न हो। हमारी शादी जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही अस्तव्यस्त भी थी।
मेरी शादी का लहंगा एक लोकल दर्जी की दुकान पर सिलवाया गया था, हमारे पास शादी के कार्ड छपवाने का भी समय नहीं था क्योंकि सब कुछ बहुत जल्दी हो गया था। अगर हमारे पास ज्यादा समय होता तो मेरी मां कोई कसर नहीं छोड़तीं।'
दिग्गज एक्ट्रेस ने आगे लिखा- 'निकाह वैसे तो नवंबर में होना था, लेकिन कुछ कारणों से हमें जल्दी में करना पड़ा। दिलीप साहब ने कलकत्ता से मेरी मां को फोन पर कहा- आप एक मौलवी को बुलवाएं और निकाह पढ़वा दें! जब बारात मेरे बंगले पर पहुंची, तो उनकी घोड़ी ढलान से नीचे उतरने लगी, जिसके कारण छाता साहब के सेहरे से टकराता रहा। जब हम रस्में कर रहे थे, तो फैंस की भीड़ मेरे घर पर आ गई, क्योंकि उनके पसंदीदा एक्टर की शादी हो रही थी। इतनी भीड़ थी कि मुझे, दुल्हन को, निकाह की रस्में करने के लिए नीचे उतरने में 2 घंटे लग गए! सोचो, सबसे महान एक्टर की शादी में खाने की कमी पड़ गई थी! और सेल्फ इन्वाइटेड फैंस शादी से चम्मच, कांटा, जो कुछ भी उन्हें मिल सकता था इकट्ठा कर रहे थे। ये बहुत मजेदार था! फिर भी, मैं सातवें आसमान पर थी।'
एक्ट्रेस ने लिखा- 'आज, 3 साल बीत चुके हैं, जब मैंने आखिरी बार उनकी फिजिकल प्रजेंस महसूस की थी। कभी-कभी ये डरावना लगता है, लेकिन उनका सार अभी भी दिखाई देता है। हाल ही में, मैं गंभीर रूप से अस्वस्थ थी और मुझे उसी कमरे, उसी बिस्तर पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, जहां साहिब ने अपनी बीमारी से उबरने के लिए दिन और रात बिताए थे। उन दिनों के दौरान उनकी लचीलाता ने मुझे ठीक होने और घर लौटने की ताकत दी। उनकी गैरमौजूदगी में भी, वे मुझे हिम्मत देते रहते हैं।'