बेहद संजीदा कलाकार थे संजीव कुमार, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें
Friday, Oct 27, 2017-02:35 PM (IST)

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर संजीव कुमार का जन्म 09 जुलाई, 1938 को सूरत के एक मध्यवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ। उनका जन्म का नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था। उनकेे दो छोटे भाई और एक बहन भी थी। शुरूआती कुछ साल सूरत में गुजारने के बाद स्थाई तौर पर अपने परिवार के साथ वो मुंबई आ गए यहां के स्कूल में उनका दाखिला हुआ। जब वो काफी छोटे थे, उनके सिर से पिता का साया उठ गया।
संजीव , ने ’इप्टा’ से अभिनय की शुरूआत की। उसके बाद इंडियन नेशनल थियेटर से जुड़ गए। कुछ अरसे बाद उन्होंने ’फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल’ में दाखिला ले लिया। संजीव कुमार जब सिर्फ 16 साल के थे उन्हें होमी वाडिया की ’अलीबाबा और 40 चोर’ (1954) में एक छोटी सी भूमिका में कैमरे का सामना करने का अवसर मिला।
1958 में महज 20 साल की उम्र में संजीव कुमार ने स्टेज पर एक वृद्ध व्यक्ति का रोल इतने शानदार तरीके से निभाया कि उन्हैं देखकर, पृथ्वीराज कपूर जैसे कलाकार दंग रह गए थे। फिल्मालय बैनर की ’हम हिंदुस्तानी’ (1960) में संजीव कुमार को दूसरा अवसर मिला। इसमें भी उनके हिस्से में एक बेहद छोटा किरदार आया। ’निशान’ (1965) में संजीव कुमार मुख्य भूमिका में नजर आए।
असित सेन व्दारा निर्देशित इस फिल्म को ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी। लेकिन ’निशान’ (1965) के बाद संजीव कुमार को ’स्मगलर’ ’पति पत्नी’, ’हुस्न और इश्क’ ’बादल’, जैसी बी’ ग्रेड की कुछ फिल्मों में काम मिल गया। यह सभी फिल्में 1966 में प्रदर्शित हुईं और संजीव कुमार के कैरियर की गाड़ी चल निकली।
फिल्म ’शिकार’ (1968) में, संजीव कुमार, एक पुलिस आॅफीसर की सहायक भूमिका में नजर आए। इसमें उन्होंने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई, इसमें उन्हें दमदार अभिनय के लिए श्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। उसके बाद फिल्म संघर्ष, आशीर्वाद, खिलौना, दस्तक जैसी फिल्मों में काम किया।
बता दें कि संजीव ने हिंदी के अलावा मराठी, पंजाबी,तमिल, तेलगू, सिधी और गुजराती भाषा की फिल्मों में काम किया। पर्दे पर बेहद गंभीर रोल निभाने वाले संजीव कुमार अपनी असल जिंदगी में बेहद संजीदा थे। एक स्टार कलाकार होने के बावजूद संजीव ने कभी नखरे नहीं किए। संजीव कुमार को उनके शिष्ट व्यवहार और विशिष्ट अभिनय के लिए फिल्म जगत में हमेशा याद किया जायेगा।
अगर हम उनकी लव लाइफ की बात करे तो संजीव कुमार ने, हेमा मालिनी के साथ सच्ची मोहब्बत की। लेकिन हेमा ने संजीव कुमार के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सुलक्षणा पंडित के सथ भी संजीव कुमार का नाम जुड़ा। लेकिन हकीकत तो यही थी कि हेमा के इन्कार का उनके दिल पर इतना गहरा असर हुआ कि फिर उन्होंने शादी नहीं की और कुंवारे ही इस दुनिया से चले गये।