90s की हीरोइन ने मुंडवाया सिर, दिवंगत पति का ब्लेजर पहन दिए पोज, बोलीं- औरत पर थोपी बंदिशों से खुद को मुक्त कर लिया
Thursday, Apr 10, 2025-03:43 PM (IST)

मुंबई. 90 के दशक में 'फूल और अंगारे', 'सौगंध' जैसी फिल्मों से पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस शांति प्रिया एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी कोई फिल्म नहीं, बल्कि उनका बोल्ड नया अवतार है। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना बाल्ड लुक शेयर किया है, जिसे देख हर कोई चौंक गया है और इसके पीछे वजह जानने की कोशिश कर रहा है। एक्ट्रेस ने अपने पोस्ट में बाल्ड लुक का कारण भी बताया है।
शांति प्रिया ने अपने इंस्टाग्राम पर जो तस्वीरें शेयर की है, उनमें देखा जा सकता है कि वह बाल्ड लुक में बेहद कॉन्फिडेंस के साथ पोज दे रही हैं। ब्राउन ब्लेजर में उनका बेहद बोल्ड लुक देखने को मिल रहा है और उनके क्लीवेज साफ नजर आ रहे हैं। इस लुक को एक्ट्रेस ने न्यूड मेकअप, पिंक शेड लिपस्टिक और कानों में स्ट्ड्स पहन कर कंप्लीट किया है। इस लुक में एक्ट्रेस कैमरे के सामने एक से बढ़कर एक पोज दे रही हैं।
इन तस्वीरों को शेयर कर शांति ने कैप्शन में लिखा- "मैंने हाल ही में अपने बाल पूरी तरह कटवा लिए। एक औरत के तौर पर, हम पर बहुत सी सीमाएं थोपी जाती हैं– सुंदरता के मापदंड, समाज के बनाए नियम। लेकिन अब मैंने खुद को इन बंदिशों से मुक्त कर लिया है। आज मैं खुद को पूरी तरह आज़ाद महसूस कर रही हूं। यह मेरा आत्मविश्वास है, मेरी अपनी पहचान है।"
पति की याद में पहना ब्लेज़र
तस्वीरों में जो ब्लेज़र शांति प्रिया पहने नजर आईं, उसका भी उनके लिए गहरा भावनात्मक महत्व है। उन्होंने बताया कि यह ब्लेज़र उनके दिवंगत पति सिद्धार्थ रे का है। इसे पहनकर आज भी उन्हें उनके साथी की गर्माहट महसूस होती है।
कौन थे सिद्धार्थ रे?
शांति प्रिया के पति सिद्धार्थ रे फिल्म इंडस्ट्री का जाना-पहचाना चेहरा थे। उन्होंने 80 और 90 के दशक में कई फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाईं। इस जोड़ी ने 1999 में शादी की थी, लेकिन दुर्भाग्यवश सिद्धार्थ का 2004 में मात्र 40 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस कपल की एक बेटी भी है।
शांति प्रिया ने एक मीडिया इंटरव्यू में भी इस लुक को लेकर बात की। उन्होंने कहा-"यह इंडस्ट्री लंबे बालों, ग्लैमर और एक खास तरह की सुंदरता की अपेक्षा करती है। मुझे यह डर था कि क्या इस लुक के बाद मुझे भूमिकाएं मिलेंगी? क्या लोग मुझे अलग नजरिए से देखेंगे?"
लेकिन उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य यह दिखाना है कि एक औरत किसी भी ढांचे में फिट होने के लिए बाध्य नहीं है। वे अपनी शर्तों पर जी सकती हैं और खूबसूरती के परंपरागत मानकों को चुनौती दे सकती हैं।