युवा भारतीय गायिका वंशी मुदलियार ने रचा इतिहास, टोक्यो में गोल्डन क्लासिकल म्यूज़िक अवॉर्ड्स में जीता गोल्ड मेडल

Saturday, Aug 23, 2025-02:07 PM (IST)

मुंबई : भारत का मान बढ़ाते हुए मुंबई की 12 साल की वंशी मुदलियार ने गोल्डन क्लासिकल म्यूज़िक अवॉर्ड्स – टोक्यो 2025 में गोल्ड फ़र्स्ट प्राइज़ जीता। उन्होंने 20 अगस्त को मशहूर टोक्यो ओपेरा सिटी कॉन्सर्ट हॉल में लाइव गाना गाकर सबको प्रभावित किया।

यह उपलब्धि पिछले साल वियना इंटरनेशनल आर्ट्स फ़ेस्टिवल (2024) में सिल्वर मेडल जीतने के बाद आई है। इस तरह वंशी उन सबसे छोटी उम्र के भारतीय कलाकारों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने यूरोप और एशिया दोनों जगह लगातार बड़े अवॉर्ड जीते हैं।

 

PunjabKesari

पश्चिमी शास्त्रीय संगीत की प्रतियोगिताएँ अब तक ज़्यादातर यूरोप, अमेरिका और रूस के कलाकार जीतते आए हैं। ऐसे में वंशी की यह जीत भारत के लिए बहुत मायने रखती है। टोक्यो ओपेरा सिटी कॉन्सर्ट हॉल एशिया का एक बड़ा संगीत मंच है और वहाँ जीतना भारतीय प्रतिभा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

इस प्रतियोगिता में दुनिया भर से कलाकार आए थे। सबसे पहले ऑनलाइन वीडियो ऑडिशन हुए, फिर चुने हुए कलाकारों को 18 से 20 अगस्त तक टोक्यो में लाइव गाने का मौका मिला। वंशी ने आखिरी दिन मंच पर प्रस्तुति दी और निर्णायकों का दिल जीत लिया।

 

PunjabKesari

वंशी की सफलता उनके पाँच साल के मेहनती प्रशिक्षण का नतीजा है। उन्होंने पुणे की राहेल म्यूज़िक अकादमी में सुश्री राहेल शेकाṭकर से सीखा है। मुंबई और पुणे की दूरी होने के बावजूद यह गुरु-शिष्य की जोड़ी ने दो बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत दिलाई है।

राहेल म्यूज़िक अकादमी आज पश्चिमी शास्त्रीय गायन सिखाने के लिए एक खास जगह बन चुकी है और वंशी की जीत इसका सबूत है।

सिर्फ 12 साल की उम्र में वंशी ने भारत के संगीत जगत में अपना नाम बना लिया है। पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में गाना आसान नहीं होता, इसमें बहुत अभ्यास, सुर पर पकड़ और भावनाओं को सही ढंग से पेश करना ज़रूरी है। वंशी की लगन दिखाती है कि भारतीय बच्चे सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर दुनिया भर में नाम कमा सकते हैं।

मुंबई से वियना और फिर टोक्यो तक का उनका सफर साबित करता है कि भारतीय कलाकार पश्चिमी संगीत की दुनिया में भी चमक सकते हैं और संगीत जैसी भाषा दुनिया की सारी सीमाएँ मिटा सकती है।

दो बड़े अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीतकर वंशी मुदलियार अब भारत की नई पीढ़ी की उम्मीद और विश्व स्तर पर भारतीय कला की पहचान बन गई हैं।


Content Writer

Smita Sharma

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News