नहीं रहे मशहूर गीतकार मनकोम्बु गोपालकृष्णन, दिल की धड़कन रुकने के चलते निधन
Tuesday, Mar 18, 2025-09:47 AM (IST)

मुंबई. मनोरंजन जगत से हाल ही में एक बुरी खबर सामने आई है। प्रसिद्ध गीतकार मनकोम्बु गोपालकृष्णन का सोमवार को कोच्चि में निधन हो गया। उन्होंने 78 साल की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। गीतकार के निधन से उनके परिवार, करीबी दोस्तों और फैंस में शोक की लहर दौड़ गई है।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मनकोम्बु गोपालकृष्णन का निधन सोमवार शाम करीब 4.55 बजे हृदय गति रुकने से हुआ। आठ दिन पहले उन्हें मेडिकल ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है।
मनकोम्बु गोपालकृष्णन का करियर
मनकोम्बु गोपालकृष्णन ने 1971 में फिल्म 'विमोचन समारम' के साथ गीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद, उन्होंने कई प्रसिद्ध फिल्में कीं और एक स्थापित गीतकार के रूप में पहचान बनाई। गीतकार ने अपने करियर में लगभग 200 फिल्मों के लिए 700 से ज्यादा गाने लिखे थे। उनके गाने मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषाओं में रिकॉर्ड किए गए थे। इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मों के संवाद और गीतों का लेखन भी किया, जिनमें 'आरआरआर', 'बाहुबली-1', 'बाहुबली-2' और 'मगधीरा' जैसी बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट फिल्में शामिल हैं। उनके गीतों ने न केवल मलयालम सिनेमा, बल्कि पूरे दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी एक खास पहचान बनाई।
मनकोम्बु गोपालकृष्णन के सदाबहार गाने
मनकोम्बु गोपालकृष्णन के कुछ गाने आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसी हुई ध्वनियाँ हैं। उन्होंने 1974 में 'अयालाथे सुंदरी' (हरिहरन द्वारा निर्देशित) के गीत लिखकर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी विशेष जगह बनाई। उनके कुछ सदाबहार मलयालम गाने, जैसे 'लक्षर्चना कंदु मदनगुम्बोल', 'इलम मंजिन कुलिरुमायोरु' और 'नादान पत्तिनते मैडिसीला', आज भी श्रोताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।