मोहम्मद रफी के बेटे का आशा भोसले-लता मंगेशकर को लेकर बड़ा खुलासा, दोनों सिंगर्स पर लगाया अब्बा का करियर बर्बाद करने का आरोप
Friday, Sep 05, 2025-09:33 AM (IST)

मुंबई. हिंदी सिनेमा के दिग्गज सिंगर्स मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर और आशा भोसले आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। तीनों गायकों ने दशकों तक अपनी मधूर और शानदार आवाज से लोगों का दिल जीता है और भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। वहीं, हाल ही में मोहम्मद रफी के बेटे शाहिद रफी ने हाल लता और आशा भोसले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए और कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
शाहिद रफी ने हाल ही में विक्की लालवानी के साथ इंटरव्यू में कहा कि उनकी नजर में दोनों बहनों लता और आशा को उनके पिता की लोकप्रियता से जलन थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी ईर्ष्या की वजह से मोहम्मद रफी का करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ। शाहिद ने दावा किया कि दोनों बहनों ने मिलकर उनके पिता को पीछे करने की कोशिश की और संगीत जगत में उनके योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश की।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे ज्यादा गाने गाने वाले गायक के नाम के तौर पर मोहम्मद रफी का नाम दर्ज था। शाहिद का कहना है कि जब उनका नाम सामने आया तो दिवंगत लता मंगेशकर ने आपत्ति जताई और खुद को आगे रखा। इसी विवाद के बाद गिनीज में रफी साहब का नाम पीछे कर दिया गया और मामला लंबित रह गया। शाहिद ने आोप लगाया कि अगर वो ऐसा नहीं करती तो उनके पिता को यह सम्मान जरूर मिलता।
आशा भोसले पर तीखा हमला
आशा भोंसले ने कभी कहा था कि रफी साहब की आवाज में रेंज नहीं थी। इस पर शाहिद ने कहा कि उनके पिता की आवाज की विविधता पर सवाल उठाना नासमझी है। उन्होंने कहा कि रफी साहब कभी यह नहीं पूछते थे कि गाना किस एक्टर पर फिल्माया जाएगा, बल्कि वह गाने की स्थिति और भावनाओं के हिसाब से अपनी आवाज को ढालते थे। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।
बता दें, रफी साहब और लता मंगेशकर के बीच मतभेद की खबरें कई बार सामने आईं।। शाहिद ने खुलासा किया कि उनकी अनबन इतनी बढ़ गई थी कि दोनों ने एक-दूसरे से लंबे समय तक बात नहीं की। हालांकि बाद में एक्ट्रेस नरगिस और संगीतकार जयकिशन की पहल पर रफी साहब ने लता जी को माफ कर दिया था। इसके बाद दोनों ने एक इवेंट में साथ में परफॉर्म भी किया।
शाहिद ने आखिर में कहा कि उनके पिता को करियर के पतन का डर कभी नहीं रहा। बल्कि वो लगातार नए-नए प्रयोग करते थे और हर तरह की जॉनर में गाना गाते थे। उनका मानना है कि इनसिक्योरिटी दूसरों के मन में थी, क्योंकि उस दौर में कई नई महिला गायिकाएं उभर रही थीं और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही थी।
रफी साहब का निधन
मोहम्मद रफी का 1980 में दिल और डायबिटीज की बीमारी के चलते निधन हो गया। वो 55 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए थे। उन्हें 1967 में पद्मश्री से नवाजा गया था। वहीं, लता मंगेशकर का साल 2022 में निधन हो गया था।