''महादेव पर अटूट आस्था है..मुस्लिम होकर मंदिर जाने पर ट्रोल हुईं एक्ट्रेस ने दिया खुलकर जवाब, कहा-''मैंने तो 16 शुक्रवार के व्रत भी किए
Tuesday, Apr 22, 2025-06:15 PM (IST)

मुंबई. एक्ट्रेस नुसरत भरूचा इन दिनों अपनी फिल्म 'छोरी 2' को लेकर सुर्खियों में हैं। फिल्म में अपनी शानदार परफॉर्मेंस के साथ-साथ वह अपनी निजी और आध्यात्मिक सोच को लेकर भी चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में अपने धर्म, आस्था और आध्यात्मिक यात्रा के बारे में कई खुलासे किए, जिससे उनके फैंस एक बार फिर उनकी सोच से प्रभावित हो गए।
शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में नुसरत भरूचा ने बताया कि वह भले ही वह मुस्लिम हैं, लेकिन उनकी महादेव पर अटूट आस्था है और उन्होंने संतोषी माता के 16 शुक्रवार के व्रत भी किए हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें न्यूमरोलॉजी में बहुत यकीन है। इसीलिए उन्होंने अपने नाम में बदलाव किया था।
नुसरत भरूचा ने कहा- 'मैं बचपन से ही मंदिर जाती रही हूं। गुरुद्वारा और चर्च भी गई हूं। जहां भी आपको शांति मिले, चाहे वह मंदिर हो, गुरुद्वारा हो या चर्च हो, आपको वहां जाना चाहिए। मैं यह भी खुलेआम कहती हूं। मैं नमाज़ पढ़ती हूं। अगर मुझे समय मिलता है, तो मैं दिन में पांच बार प्रे करती हूं। यहां तक कि मैं ट्रैवलिंग के दौरान अपनी प्रेयर मैट भी साथ लेकर जाती हूं। मैं हर उस जगह जाती हूं, जहां मुझे शांति और सुकून मिलता है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि ईश्वर एक है और उससे जुड़ने के अलग-अलग रास्ते हैं। और मैं उन सभी रास्तों को तलाशना चाहती हूं।'
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मैंने तो 16 शुक्रवार के व्रत भी किए थे। मेरा बहुत मन था कि मैं केदारनाथ और बद्रीनाथ दोनों जगह जाऊं। मैं वहां दर्शन के लिए जाना चाहती थी। वहां जाकर भगवान शिव के आगे माथा टेकना चाहती थी। आशीर्वाद लेना चाहती थी और मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानती हूं कि मैं ऐसा कर पाई। जब आपकी किसी चीज में आस्था होती है तो ये आपकी आत्मा को भी छू जाता है और इस एहसास को बयां नहीं किया जा सकता।'
नुसरत आगे कहती हैं- 'मैं जब केदारनाथ गई थी तो वहां सिर्फ बैठना चाहती थी। मुझे कुछ भी नहीं चाहिए था, बस वहां बैठना था। मुझे लगता है बुलावा आता है। मैं तो वैष्णो देवी भी जाकर आई हूं। सिर्फ माथा टेककर नहीं आई। मैं वहां सीढ़ियां चढ़कर गई थी। 13 किलोमीटर पैदल चलकर गई, दर्शन किए और फिर वापस आई। मेरे पास इन सबका कोई लॉजिक नहीं है। बस मन में आता है कि जाना है। अगर मेरे मन में कोई बात एक बार आ जाती है कि करना है तो फिर मैं वो करके रहती हूं। फिर किसी की नहीं सुनती, ज्यादा सोचती भी नहीं हूं। मेरे मन में अगर इच्छा है कि वहां जाना है तो बस जाना है। मुझे नहीं पता कि ये चीजें कहां से आती हैं, हो सकता है कोई आध्यात्मिक शक्ति हो या फिर और कुछ।'
वर्कफ्रंट पर, नुसरत भरूूचा ने फिल्म 'जय मां संतोषी' से अपना डेब्यू किया था, जो 2006 में रिलीज हुई थी। लेकिन उन्हें असली पहचान 'लव सेक्स और धोखा' और 'प्यार का पंचनामा' जैसी फिल्मों से मिली। इन दिनों वह छोरी 2 को लेकर चर्चा में हैं, जो 11 अप्रैल को रिलीज हुई है।