''बार-बार, बेवजह मेरा नाम घसीटा..धोखाधड़ी मामले में बदनाम करने पर चढ़ा शिल्पा का पारा, गीता के श्लोक के साथ दिया ज्ञान
Friday, Dec 19, 2025-04:34 PM (IST)
मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गई हैं। हाल ही में उनके नाम को लेकर लगातार ऐसी खबरें सामने आईं, जिनमें मुंबई स्थित उनके बेस्टियन रेस्टोरेंट और निजी आवास पर इनकम टैक्स की कार्रवाई की चर्चाएं थीं। इसी बीच 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में नए सबूत सामने आने के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच को और आगे बढ़ाते हुए केस में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 भी जोड़ दी है। इस पूरे मामले पर हाल ही में शिल्पा शेट्टी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है और खुद को इन आरोपों से अलग बताया है।
शिल्पा शेट्टी ने 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े आरोपों पर खुलकर बात करते हुए कहा कि उन्हें इस बात से बेहद पीड़ा है कि उनका नाम जबरदस्ती इस विवाद में घसीटा जा रहा है।

एक्ट्रेस के मुताबिक, जिस कंपनी से यह मामला जुड़ा है, उसमें उनकी भूमिका पूरी तरह नॉन-एग्जीक्यूटिव थी। उन्होंने साफ कहा कि न तो वह कंपनी के फाइनेंस से जुड़ी थीं, न ही किसी तरह के फैसले लेने या दस्तावेजों पर साइन करने की उन्हें कोई अधिकारिक जिम्मेदारी दी गई थी। यहां तक कि कई सितारों की तरह मैंने भी होम शॉपिंग चैनल के कुछ प्रोडक्ट्स ही एंडोर्स किए थे, एक प्रोफेशनल दायरे में रहकर, जिसके लिए मुझे अभी भी मेरा पेमेंट नहीं मिला है"।
शिल्पा शेट्टी ने कहा, "मैं इस चीज को रिकॉर्ड पर लाना चाहती हूं कि एक फैमिली के तौर पर हमने भी कंपनी को लगभग 20 करोड़ का लोन दिया था, लेकिन वह पैसा भी अभी बकाया है। नौ साल से बिना वजह देरी करते हुए जिस तरह से मुझे आपराधिक आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है, वह कानूनी रूप से बिल्कुल गलत है और कानूनों के सिद्धांत के खिलाफ भी है। सभी तथ्यों को जानने के बाद भी, लगातार बार-बार मेरा नाम इस कार्यवाही में बेवजह घसीटा जा रहा है, जो दुखद और गलत दोनों है। इस तरह के आरोप न सिर्फ सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, लेकिन पब्लिक डोमेन में एक महिला की गरिमा, ईमानदारी और उनकी इज्जत को भी गलत तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं।

आगे एक्ट्रेस ने भगवद्गीता के एक श्लोक का बखान करते हुए कहा- "जैसा कि भगवद्गीता में कहा गया है, जो अन्याय हो तो उसके खिलाफ आवाज उठाना आपका कर्तव्य है और अगर आप ऐसा करने में असफल होते हैं, तो ये अपने आपमें अधर्म है। मैंने माननीय बॉम्बे हाई कोर्ट में पहले ही एक याचिका दायर की थी, मुझे न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और मैं अपने आधिकारों और आत्मसम्मान की सुरक्षा के लिए कानूनी कदम उठाऊंगी। मैं सम्मानपूर्वक मीडिया से ये गुजारिश करती हूं कि इन तथ्यों पर ध्यान दें और जिम्मेदारी के साथ उनकी पुष्टि करके रिपोर्ट करें"।
