तनुश्री दत्ता ने मटन खाकर खोला सावन का व्रत तो लोगों ने की खिंचाई, जवाब में बोलीं एक्ट्रेस-धार्मिकता की आड़ में घटिया आलोचना ठीक नहीं
Sunday, Jul 27, 2025-01:53 PM (IST)

मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गई हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वे अपने घर पर हो रही कथित "प्रताड़ना" को लेकर बात करती नजर आईं थीं। इस वीडियो को लेकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं और उन्हें कई लोगों से सहानुभूति भी मिली। वहीं, अब तनुश्री ने एक और वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने सावन व्रत के बाद मटन खाने को लेकर अपना अनुभव और राय शेयर की है।
तनुश्री दत्ता ने वीडियो में मटन के फैट को अलग-अलग थैलियों में दिखाया और बताया कि किस तरह ये पोषक तत्व शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने 26 जुलाई को सावन का व्रत रखा, जो शाम 7 बजे तक पानी पर आधारित उपवास था। व्रत के बाद उन्होंने काली दाल, मटन और चावल बनाकर खाया।
तनुश्री ने बताया कि इस तरह का व्रत उनके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, उपवास से मानसिक मजबूती मिलती है और उपवास तोड़ने पर हेल्दी और हाई-प्रोटीन मील लेने से शरीर को ऊर्जा भी मिलती है। उन्होंने अपने कैप्शन में बताया कि भोजन केवल पेट भरने का जरिया नहीं, बल्कि एक दवा है। उन्होंने इस बात को आयुर्वेद के सिद्धांतों से जोड़ा और बताया कि सही खान-पान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है।
ट्रोलर्स के घेरे में आईं तनुश्री
जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कई यूज़र्स ने तनुश्री दत्ता को ट्रोल करना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि सावन के पवित्र महीने में मटन खाना सही नहीं है। किसी ने लिखा, “सावन में मटन? बहुत बढ़िया मैडम।” वहीं एक और यूज़र ने टिप्पणी की, “शाकाहारी बनो, सारी सेहत खुद-ब-खुद सही हो जाएगी।” किसी ने कहा-“सावन... व्रत... मटन... मोटा। हैशटैग रिस्पेक्ट।”
ट्रोल्स को दिया करारा जवाब
इन सभी आलोचनाओं के जवाब में तनुश्री ने न सिर्फ धैर्य से प्रतिक्रिया दी, बल्कि एक शिक्षाप्रद संदेश भी दिया। उन्होंने लिखा: "बंगाल में सभी व्रत इसी तरह किए जाते हैं। दिनभर पानी पर उपवास रहता है और सूर्यास्त के बाद देवी को भोग दिया जाता है, जिसमें बकरे का मांस भी होता है। हर जगह का कल्चर अलग होता है। बिना जानकारी के किसी पर राय बनाना गलत है। पूरा वीडियो देखिए और समझिए। धार्मिकता की आड़ में यह घटिया आलोचना ठीक नहीं है।"
तनुश्री का ये जवाब न सिर्फ ट्रोल्स को करारा जवाब था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत में अलग-अलग क्षेत्रों और संस्कृतियों में उपवास और धार्मिक परंपराओं के अलग-अलग स्वरूप हैं।
भोजन को बताया'दवा'
तनुश्री ने अपने कैप्शन में आयुर्वेद का हवाला देते हुए कहा कि "भोजन भी एक दवा होता है।" उनका मानना है कि अगर कोई मानसिक या शारीरिक परेशानी से जूझ रहा है तो सबसे पहले उसे अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने लिखा कि मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबंध पोषण से होता है, और यही वजह है कि वे अपने खाने को लेकर सजग रहती हैं।