धर्मेंद्र की प्रेयर मीट में भीड़ देख हैरान रह गए थे मनोज देसाई, हेमा मालिनी को लेकर बोले- अच्छा हुआ वह नहीं आईं
Thursday, Dec 18, 2025-02:56 PM (IST)
मुंबई. साल 2025 ने जाते-जाते हमसे हिंदी सिनेमा का शानदार सितारा भी छीन लिया। 24 नवंबर को धर्मेंद्र के निधन की खबर से पूरे देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने दो अलग-अलग प्रार्थना सभाएं आयोजित की, जिसमें अलग-अलग सेलेब्स पहुंचे थे। वहीं, अब हाल ही में थिएटर मालिक मनोज देसाई ने धर्मेंद्र की प्रेयर मीट के बारे में बात की, जो सनी देओल द्वारा आयोजित सभा में शामिल हुए थे।
हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान मनोज देसाई ने बताया कि दिवंगत धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में वह सैकड़ों लोगों के साथ लाइन में लगे थे और सनी देओल से मिलने से पहले उन्हें बहुत देर इंतजार करना पड़ा था। उन्होंने बताया, 'गाड़ियों की बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी। मेरी गाड़ी 86वें नंबर पर खड़ी थी। मेरे आगे और पीछे बड़ी-बड़ी गाड़ियां थीं। प्रार्थना सभा में भजन गाए गए और पूरी दुनिया के लोग वहां मौजूद थे। हर कोई प्रार्थना सभा में आया था। मेरी मुलाकात सनी देओल से हुई और मैंने उनसे कहा कि बहुत सारे लोग आ रहे हैं, इसलिए मैं सामने वाले गेट से निकल जाऊंगा। उन्होंने कहा कि आने के लिए शुक्रिया। बाहर इतनी लंबी लाइन लगी थी कि मैं 45 मिनट तक अपनी गाड़ी का इंतजार करता रहा।'

मनोज देसाई ने बताया कि उन्होंने धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में जितनी भीड़ देखी, उतनी भीड़ उन्होंने किसी और कलाकार की प्रार्थना सभा में कभी नहीं देखी थी। एक्टर ने कहा, 'मैं राजेश खन्ना की प्रार्थना सभा समेत कई एक्टर्स की प्रार्थना सभाओं में गया हूं, जिसमें मैं अमिताभ बच्चन के बगल में बैठा था। मैं यश चोपड़ा की प्रार्थना सभा में भी गया था, लेकिन मैंने धरम जी की प्रार्थना सभा जैसी कोई प्रार्थना सभा कभी नहीं देखी। ऐसा लगा जैसे पूरा देश वहां मौजूद था। ऐसा कोई नहीं था जो आना नहीं चाहता था।'
हेमा मालिनी के प्रेयर मीट में न आने पर क्या बोले?
मनोज देसाई ने कहा, 'मुझे हेमा जी के न आने पर आश्चर्य नहीं हुआ। किसी भी विवाद या ऐसी किसी बात के होने से पहले ही उन्होंने उनके लिए अलग से प्रार्थना सभा का आयोजन कर दिया था। अच्छा हुआ कि वह नहीं आईं। हेमा और धर्मेंद्र जी बहुत करीबी थे, लेकिन अगर किसी ने उन्हें कुछ कह दिया होता, तो पूरी प्रार्थना सभा गड़बड़ हो जाती। इसलिए, यह अच्छा हुआ कि उन्होंने अलग से प्रार्थना सभा का आयोजन किया।'
